Posts

Showing posts from May, 2018

माँ शब्द है अनमोल

    "माँ शब्द है अनमोल" माँ शब्द है अनमोल, जिसका नहीं है कोई मोल, एक माँ शब्द में समाया सारा संसार है, क्योंकि सृष्टी की रचना भी माँ ने ही की है, हर रचना के  बस माँ ही है रचनाकार। माँ उच्चारण करते ही, साकार होती है एक तस्वीर, आंचल में ममता लिए ,नैनों से आंसु पिए , सौंप दे जो पूरा जीवन, बच्चों के लिए, आँखों में हो उनके बस एक ही सपना, उज्जवल भविष्य हो बच्चों का हमारा, यही दिन-रात करती है बस कामना, क्योंकि उसके दिल में है ममता, और लबों पे है बस दुआ ही दुआ। माँ तू कुदरत की है वो अनमोल रचना, जिसकी बाँहें हमे बचाये सारी मुसीबतों से, क्योंकि माँ का दामन होता है पहरा, जो  छीनने नहीं देती बच्चों का सुकून , क्योंकि तुम्हारे गोद में  मिलता है हमे , स्वर्ग से भी ज्यादा खुशियाँ । क्योंकि माँ तू है , अटल,अजर, अमर और लगन, और है तू वह अगन और वह तपन, जिसका जीवन धुरी घूमता बच्चों के लिए, इसलिए माँ तू हमारे लिए है अनमोल रत्न । एक माँ जब थक जाती है , फिर बदलती है रूप नया, लेती है फिर से धरा पे जन्म, माँ बन जाती है फिर बेटी , और करती है फिर वही लाड़, ले रूप नय