🙏🏻लता दीदी,विनम्र श्रद्धांजलि🙏🏻
🙏🏻लता दीदी,विनम्र श्रद्धांजलि🙏🏻 सुर सम्राज्ञी, सरस्वती स्वरूपा,भारत कोकिला हमारी प्यारी लता दीदी,कहाँ चली गयी बसंत पंचमी के उत्सव में खोए थे सभी आपने भी चुना दिन वही मां सरस्वती विसर्जन का वो तो अगले साल फिर आएंगी,आशीर्वाद देने पर आप निकल पड़ीं अनन्त सफ़र पे जहां से नही लौटा है कोई जाकर सुरों की मल्लिका,अब क्या खूब गया था आपने "नाम गुम जाएगा,चेहरा बदल जाएगा, पर मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है" आपसे पहले ना कोई आया था ना सदियों तक कोई आपसा आएगा। इतनी सी ही विनती है हमारी- ये जानेवाले हो सके तो फिर लौट कर आना तेरी आवाज़ के बिना मुश्किल है अब जीना हमारे देश की पहचान थीं आप संगीत की मान थीं आप जैसे सुरों को धड़कना सिखायथा आपने हर सुर की माप थी आपकी आवाज़ जरा आंख में भरलो पानी’, ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’, ‘अजीब दास्तान है ये’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘तेरे लिए’ जैसेआ जा रे परदेसी, मैं तो कब से खड़ी इस पार, इस मोड़ से जाते हैं कुछ सुस्त कदम रख के, बाहों में चले आओ.. हमसे सनम क्या पर्दा, शीशा हो या दिल हो टूट जाता है, तू जहां-जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा, लगा