जिंदगी तेरे रंग बहुत देखे
नमस्कार🙏जोहार🙏खम्मागन्नी सा🙏 आज मै हर किसी के जिंदगी की सच्चाई को कलमबद्ध करने की कोशिश की हूं और आशा करती हूं कि आपको पसंद आएगी। *ज़िन्दगी तेरे रंग बहुत देखे* ज़िन्दगी तेरे रंग बहुत देखे झूठी खुशियों की चाह में सबकुछ लुटा के भी देखे हम बदले पूरी तरह पर तेरे तेवर ना बदले । तू तो ठंढे पानी मे खड़े उस बुजुर्ग की आशा बने सुदूर टिमटिमाते बल्ब की रौशनी की गर्मी की तरह रही जो उम्मीद बन चमकती तो रही पर मिली कभी भी ना ज़िन्दगी तेरे रंग बहुत देखे । कुछ अपने देखे,कुछ अपनापन देखे कुछ अपनापन का चोला ओढ़े देखे हम भी मुस्कराये हर पल तेरे हर रंग को समेटते रहे पर खुशियों की चाह में बोझिल सा है अब मन मेरा अकेले में एक बूंद में ढलक जाता है विश्वास कहीं ज़िन्दगी तेरे रंग बहुत देखे । अब बस कर थोड़े हंसी के फ़व्वारे में भीगने दे तुझे अपनी मर्ज़ी से जीने दे बहुत करवटें बदले तेरी चाहत में अब चैन की नींद सोने दे ज़िन्दगी तेरे रंग बहुत देखे। श्रीमती मुक्ता सिंह रंकाराज 28/10/20