कम हो या ज्यादा
# कम हो या ज्यादा# कम हो या ज्यादा गम हो या खुशी हर परिस्थिति में ढलना चाहिए चेहरे की शिकन को मुस्कराहटों की ओट में छुपाना चाहिए। आते हैं लोग हमराज़ बनकर गमों की सौगात भी लाते हैं तेरी खुशियों से जलन और तेरी गमों से दोस्ती निभाते हैं । बिरले ही लोग ऐसे होते हैं जो दोस्ती में नफा-नुकसान भूल जाते हैं खुशकिस्मती के इस अहसास की आ हम नई शुरुआत करें गमों को उधार ले खुशियों की सौगात दें । श्रीमती मुक्ता सिंह रंकाराज 2/12/20