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Showing posts from April, 2021

सूर्य घेरे में ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’

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  *झारखण्ड के कई हिस्सों में सूर्य घेरे में नज़र आये* झारखण्ड के रांची समेत कई जिलों के आज लोगों का कौतूहल का विषय रहा ।सूरज के चारों ओर घेरा।कई लोग इसे सोशल मीडिया पे पोस्ट कर अलग-अलग शंकाएं जता रहे हैं, कुछ वीडियो कॉल के जरिये अपनो को ये नज़र दिखाते हुए तस्वीरें पोस्ट की। तो कुछ लोग इस महामारी के कोरोना कसल में सूर्य को भी आइसोलेट मान रहे हैं।वही कुछ लोग पोसिटिव सोच के साथ यह कह रहे हैं कि अब कोरोना खत्म होने वाला है।इसलिए भगवान सूर्यदेव सुरक्षा सुदर्शन चक्र बना रहे हैं। अब चलिए इसके असली तथ्य को हम सामने लाते हैं।जो हमने नेट से साभार लिया है।यह पहली खगोलीय घटना नही है।इसके पहले भी कई जगहों पे कई बार दिख चुकी है।2013 में,2016 में कोलकोता में, 2020 में सिंगापुर में। यह एक खगोलीय घटना है, इसे सूर्य या कुछ मौकों पर चंद्रमा का ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहा जाता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या है ये  ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’।तो हम बता दें कि इसे मून रिंग या विंटर हेलो के नाम से जाना जाता है। एमपी बिरला प्‍लैनेटेरियम के एक सीनियर शोधकर्ता के अनुसार ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणे

एक नए रिश्ते में बंध जाऊं

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 *आ एक नए रिश्ते में बंध जाऊं तुझसे* रंगों का रंगीला त्योहार है खुशियों का मौका मिला है आ तेरे कंधे पे सर रख आंखे बंद कर  खुशियों की जहां पा लूं मां तेरे हंसते-मुस्कराते-दमकते चेहरे की कुछ आभा में जी लूं चुपके से मां तू तो प्यार की सागर है इसकी गहराई में गोते लगा लूं मां और भावनाओं की मोती को आ जज़्बातों के पिटारे में छुपा लूं मां रिश्तों की मर्यादा को सीमाओं ने बंधा है आ एक नए रिश्ते में बंध जाऊं तुझसे मां। मां की लोरी सुनी बचपन में प्यार भरा डांट भी खाया था कभी उनसे फिर फिक्र की झपकियों से सुलाई थी वो सब बातों को आज तेरे कन्धे पे सर रख आंखे मूंद नए रिश्ते गढ़ लूं तुझसे मां सर पे पल्लू रख पलकें झुका मान रखा मैने आ आज तुझसे बेटी बन लाड़-दुलार पा लूं मां आ एक नए रिश्ते में बंध जाऊं तुझसे मां। अहसास कई हैं दिल में,व्यक्त करने को मचलते सीमायों में बंधे शब्द आस देखते हैं सदियों से आ आज उन शब्दों को सुर दे भवनाएं उड़ेलूँ मां आ एक नए रिश्ते में बंध जाऊं तुझसे मां । श्रीमती मुक्ता सिंह रंकाराज 7/4/21